फास्ट फूड में रेशे की कमी होती है, जिससे कब्ज हो जाती है। यह कब्ज ही आगे जाकर पाइल्स यानि बवासीर की बीमारी बन जाती है। फास्ट फूड से बवासीर के रोगियों में बढ़ोतरी हुई हैं। कब्ज न होने देना ही इस रोग से बचाव का उपाय है। पाइल्स में दवाइयों से आराम जरुर होता है, किन्तु बीमारी पूरी तरह , जड़ से नहीं जाती है। कई लोग परेशान होकर (Operation) करवाते हैं लेकिन ऑपरेशन के बाद भी पाइल्स फिर से होता देखा गया है। इसलिए जब तक कोई विशेष कष्ट न हो, तो ऑपरेशन नहीं कराना चाहिए। होम्योपैथिक चिकित्सा से इसमें आसानी से लाभ मिलता है। इसकी सबसे अच्छी चिकित्सा भोजन के द्वारा ही सम्भव है। इसके लिए कब्ज दूर हो ऐसी चीजो का सेवन करते रहना चाहिए।
पाइल्स का रोग जल्दी ठीक करने के लिए खानपान के चीजे
(Best food items in Non-Bleeding Piles)
- तौरई– तौरई कब्ज दूर करती है। इसकी सब्जी रोजाना खाने से कब्ज नहीं बनती हैं।
- चौलाई–चौलाई की सब्जी रोजाना खाने से पाइल्स ठीक हो जाते हैं।
- बथुआ—जब तक मौसम में बथुए का साग मिलता रहे, रोजाना इसकी सब्जी खायें। बथुए का रस पीयें, उबाला हुआ पानी पीयें। इससे बवासीर ठीक हो जाते हैं।
- चुकन्दर– बवासीर के मस्से चुकन्दर खाते रहने से झड़ जाते हैं।
- गाजर-(1) कच्ची गाजर खाने या रस पीने से बवासीर में लाभ होता है, जब तक गाजर मिलती रहे, लगातार सेवन करें।
- नुस्खा (2) गाजर का रस तीन भाग और पालक का रस एक भाग मिलाकर पीने से पाइल्स में आराम मिलता है।
- आम–मीठा अमरस आधा कप, मीठा दही 25 ग्राम और एक चम्मच अदरक का रस, सब मिलाकर पीयें। ऐसी एक मात्रा रोजाना तीन बार पीयें। इससे पाइल्स ठीक होते हैं।
- अमरूद- कुछ दिनों तक अमरूद खाने से पाइल्स रोग में लाभ मिलता हैं।
- प्याज –प्याज रक्तस्रावी और बिना रक्त वाली दोनों प्रकार के पाइल्स रोग में लाभ मिलता हैं। रोजाना एक कच्चा प्याज खाना चाहिए।
- मूली–(1) कच्ची मूली खाने से बवासीर से गिरने वाला रक्त बन्द हो जाता है। इसके अतिरिक्त, एक कप मूली का रस लें, इनमें एक चम्मच देशी घी मिलायें। हिलाकर सुबह-शाम दो बार रोजाना पीयें लाभ होगा।
- नुस्खा (2) एक सफेद मूली को काटकर नमक लगाकर रात को ओस में रख दें। इसे सुबह खाली पेट खायें।
- नुस्खा (3) 125 ग्राम मूली के रस में 100 ग्राम देशी घी की जलेबी एक घण्टा भीगने दें। फिर जलेबी खाकर रस पी जायें। इस तरह एक सप्ताह सेवन करने से पाइल्स रोग में लाभ मिलता हैं।
- नुस्खा (4) मूली के टुकड़ों को भी घी में तल कर चीनी के साथ खायें।
- गवार-गवार के पौधे के 11 हरे पत्ते, 11 काली मिर्च पीसकर 62 ग्राम पानी में मिलाकर प्रात: एक बार कई दिन पीने से बादी बवासीर में काफी आराम मिलता हैं।
- गेहूँ-गेहूँ के पौधे का रस पीना हर प्रकार के पाइल्स में लाभदायक है।
- तिल–60 ग्राम काले तिल खाकर ऊपर से ठण्डा पानी पीने से बिना रक्त वाले अर्श ठीक हो जाते हैं।
- जायफल–दस जायफल देशी घी में इतना सेंके कि वह सुर्ख हो जायें। फिर इनको पीस कर छान कर दो कप गेहूँ के आटे में मिलाकर घी डाल कर फिर से सेंके। सेंकने के बाद स्वादानुसार देशी बूरा (शक्कर) मिला लें। इसे एक चम्मच रोजाना सुबह, खाली पेट खायें। पाइल्स में लाभ होगा।
- सौंठ–समान मात्रा में सौंठ और गुड़ मिला आधा चम्मच सुबह-शाम रोजाना खाने से बवासीर में लाभ होता है।
- हरड़-आधा चम्मच हरड़ का चूर्ण सुबह-शाम खाने के बाद गर्म पानी से लेने से लाभ होता है।
- फूलगोभी और जमीकन्द की सब्जी कम मसाले डालकर खाने से लाभ होता है।
- दूध-गरम दूध के साथ ईसबगोल की भूसी को सोते समय लें। इससे कब्ज दूर होगी और बवासीर में लाभ होगा।
- छाछ–छाछ में नमक और पीसी हुई अजवाइन मिलाकर पीने से पाइल्स में लाभ होता है। छाछ के उपयोग से यह बीमारी ठीक होने के बाद फिर से नहीं होती है। सेंधा नमक ज्यादा लाभ करता है। छाछ भोजन करने के अन्त में पीयें।
- जीरा-जीरा और मिश्री पीसकर पानी से फांकी लेने से अर्श का दर्द दूर हो जाता है।
- सौंठ-12 ग्राम सौंठ गुड़ के साथ दो बार लेने से बवासीर में लाभ होता है। सौंफ और मिश्री दोनों पीसकर आधा चम्मच की फांकी से दूध के साथ दो बार लें।
- नीम-10 नीम की निबौली की गिरी, सेंधा नमक या मिश्री के साथ ठण्डे पानी से सुबह शाम फेंकी लेने से लाभ होता है। चार दिन लेने के बाद से आराम होने लगेगा। भगन्दर (Fistula) भी इससे ठीक हो जाता है।
- नींबू – बवासीर में तेज दर्द, रक्तस्राव होने पर उपवास रखें और ताजा पानी में नींबू पीयें। चार कप अलग-अलग धारोष्ण दूध से भर लें। इनमें क्रमश: आधा-आधा नीबू निचोड़कर पीते जायें। एक सप्ताह सेवन करने से हर प्रकार के पाइल्स नष्ट हो जायेंगे।
- ज्वार-इसकी रोटी खाने से लाभ होता है।
रक्तस्रावी पाइल्स में आजमायें खानपान के ये उपाय : (Best food items in Bleeding Piles)
- नींबू (1) गरम दूध में आधे नीबू का रस डालकर तुरन्त हर तीन घण्टे से पिलायें।
- (2) नीबू काटकर दोनों फॉकों में पिसा हुआ कत्था भरें। फिर दोनों टुकड़े ओस में रख दें। प्रात: दोनों टुकड़े खा लें। इससे बवासीर से रक्त गिरना बन्द हो जायेगा।
- आँवला—सूखे आँवले को बारीक पीसकर एक चाय की चम्मच सुबह-शाम दो बार छाछ या दूध से लेने से खूनी पाइल्स में लाभ होता है। दूध गर्म होना चाहिए ।
- अनार-सुबह-शाम ताजा पानी में 8 ग्राम अनार के पिसे हए छिलकों को फांकी से लें।
- पपीता–रक्तस्रावी पाइल्स में प्रतिदिन दोपहर में पपीता खाना लाभदायक है। पपीता अच्छा, पका हुआ होना चाहिए। कच्चे पपीते की सब्जी भी खानी चाहिए।
- प्याज-प्याज का सेवन रक्तस्रावी और अरक्तस्रावी, दोनों प्रकार के पाइल्स में लाभदायक है।
- करेला–एक चम्मच करेले का रस शक्कर मिलाकर दो बार रोजाना पीने से लाभ होता है।
- चना–सिके हुए गरमा-गरम चने खाने से रक्तस्रावी बवासीर में लाभ होता है।
- मसूर की दाल–रक्त वाली पाइल्स में प्रात: के भोजन के साथ मसूर की दाल खाने और एक गिलास खट्टी छाछ पीने से लाभ होता है।
- तिल–60 ग्राम काले तिल चबा-चबाकर खाकर दही का सेवन करने से पाइल्स से रक्त गिरना बन्द हो जाता है।
- इमली–रक्तस्रावी पाइल्स में इमली के पत्तों का रस पिलाने से लाभ होता है।
- जमीकन्द-चावल और इमली के पत्तों के साथ जमीकन्द की सब्जी बनाकर खाने से लाभ होता है।
- दही–जब तक बवासीर से रक्त आता रहे तब तक केवल दही ही खाते रहें, अन्य कोई चीज न खायें। रक्तस्राव बन्द हो जायेगा।
- घी–घी, तिल और पीसी हुई मिश्री–प्रत्येक की एक-एक चम्मच लेकर मिलाकर रोजाना । तीन बार खायें।
- मेथी दाना मेथी का काढ़ा या इसे दूध में उबाल कर पीने से बवासीर में रक्त आना बन्द हो जाता है।
- ईसबगोल—एक चम्मच ईसबगोल की भूसी गरम पानी या गरम दूध के साथ रात को सोते समय लें।
- राल– 60 ग्राम पीली राल लेकर बारीक पीस लें। रोजाना सवेरे 7 ग्राम चूर्ण एक कप दही में मिलाकर सेवन करें। खूनी पाइल्स के लिए यह अचूक औषधि है। इसे एक सप्ताह सेवन करें। पीली राल पंसारी की दुकान पर मिलती है। खूनी बवासीर के अतिरिक्त हर प्रकार के बवासीर में इससे लाभ होता है।
- जीरा- जीरा, सौंफ, धनिया प्रत्येक एक चम्मच को एक गिलास पानी में उबालें। आधा पानी रहने पर छान कर एक चम्मच देशी घी मिलाकर रोजाना सुबह-शाम पीने से पाइल्स से रक्त गिरना बन्द हो जाता है। यह गर्भवती स्त्रियों के बवासीर में अधिक लाभदायक है।
- धनिया- मिश्री मिलाकर हरे धनिये की पत्तियों का रस दो बार पियें यह भी पाइल्स में लाभदायक है।
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